Zindagi Ka Safar
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वो रूठे है इस कदर, कि मनाया भी ना जाये
या खुदा यह पागल है,दीवाना है,या है सिरफिरा.
रिश्तों के टूटने की,बात तो ना कर बे-रहम,
यह दर्द है बे-इन्तहा सा,एक बात ना वाज़िब सी
इस दिल के टुकड़े करने की,एक बात बेबसी की.
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