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आज मेँ अपनी पोस्ट्स को चेक कर रही थी तो लगा की यह तो सिर्फ मेरी बातें है जो मेँ आप लोगो के साथ शेयर करना चाहती थी और मैंने की, पर क्या आप लोग जो मेरी पोस्ट्स पढ़ते है , क्या आप लोग कोई उपाय बतायेगे मुझे जिससे मेँ आप लोगो के मन की बात भी सुन सकु या पढ़ सकु , हो सकता है बहुत से लोग यह कहे की आप दुसरो की पोस्ट्स जाकर पढ़ सकती है , यह उपाय भी सही है पर क्यों न ऐसा कुछ किया जाये की मेँ किसी एक टॉपिक को यहाँ पर पोस्ट करु जो सिर्फ और सिर्फ ज़िन्दगी से जुड़ा हुआ हो और आप लोग जो भी सोचते हो उस बारे मेँ वह आप मेरे साथ शेयर करे.
आज मेरे साथ एक अनुभव हुआ जो आप लोगो के साथ भी अक्सर होता होगा वह मेँ आपके साथ बाँट रही हु, अगर आप लोग भी इस पर कुछ कहना चाहे तो कृपया करके जरूर अपने मन की बात मेरे साथ साँझा करें…
मेँ रोज़ाना शेयरिंग कैब से ऑफिस आती हु और घर जाती हु, हम चार गर्ल्स है,रोज़ाना बहुत सी बातें, बहुत सी मस्ती आम बात है कैब मेँ. पर जैसा आज हुआ कैब मेँ किसी ने बात शुरू ही नहीं की तो पुरे रास्ते कोई बात ही नहीं हुई किसी मेँ, अजीब सा घुटन जैसा माहौल
था, और ऐसा अक्सर हो जाता है और घुटन जैसा माहौल बस पुरे रास्ते.
क्या कोई मुझे बताएगा की ऐसा क्यों हो जाता है, एक का मूड ऑफ हो सकता है पर पूरी कैब के लोग चुप… या फिर कही न कही सब सबके अंदर का ईगो, की हम बात स्टार्ट क्यों करें ?
कृपया मेरे इस परेशानी का हल बताये………
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