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एक इंद्रधनुष …. मेरी पहली कविता

Zindagi Ka Safar
Zindagi Ka Safar
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इंद्रधनुष एक सुंदर, सजीला आकार
जो लुभाता है मन को
पर कुछ ही छड़ों(मोमेंट) में
घुल जाता है उन्ही बादलों में
जिन्हें आगोश में भर कर बना था सुंदर
अपने अस्तित्व की लड़ाई में
हो गया पराजित बादलों से …
क्या मानव भी नही है एक इंद्रधनुष ?
जो लड़ता है अपने अस्तित्व के लिए
इस समाज से इस दुनिया से
और एक दिन होकर पराजित
इस अस्तित्व की लड़ाई में
मिल जाता है उसी मिट्टी में
जिस मिट्टी से मिलकर बना था सुंदर
उसी इंद्रधनुष की तरह …….

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