Zindagi Ka Safar
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आज उनसे हुई मुलाकात, तो यह अहसास हुआ,
यह दिल तेरे नाम से ही धड़क रहा था ….
मुझसे इतनी दूरी तेरी, बेवजह तो ना थी,
कुछ तो था तेरे मेरे दरमियान, जो सरेआम ना था…..
एक लम्हे में पढ़ ली, मैंने ज़िंदगी की किताब,
सिर्फ एक पन्ना ही तो था, जो तेरे नाम का था ……
तू मेरी रूह में, समाया है कुछ इस कदर,
ना जिस्म ही छोड़ पाती हू, ना ही अपना साया…….
खाली हैं हाथ तेरे, दामन मेरा भी खाली हैं,
आ चल कुछ लम्हों का खज़ाना, साथ मिलकर जोड़ते हैं……
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